1 अगस्त से बदल जाएंगे UPI के 6 नियम – Balance Check से AutoPay तक पूरी लिस्ट देखें

Published On: July 29, 2025
UPI New Rules August 2025

राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने 1 अगस्त, 2025 से यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इन बदलावों का मकसद है यूपीआई सिस्टम को ज्यादा स्थिर और प्रभावी बनाना, जिससे सर्वर पर बढ़ता बोझ कम हो और उपयोगकर्ताओं को बेहतर अनुभव मिले। भारत में यूपीआई का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है और यह डिजिटल पेमेंट का सबसे लोकप्रिय तरीका बन चुका है। इसी को ध्यान में रखकर NPCI ने नए नियम लागू किए हैं ताकि भुगतान प्रक्रिया सरल, तेज़ और सुरक्षित बनी रहे।

यह बदलाव खासतौर पर बैलेंस चेक करने की संख्या पर नियंत्रण, ऑटोपे ट्रांजेक्शन के समय में बदलाव, और ट्रांजेक्शन की स्थिति जांचने के नियमों से जुड़े हैं। पिछले कुछ महीनों में यूपीआई सर्वर पर दबाव बढ़ने और फेल ट्रांजैक्शंस की समस्या को देखते हुए ये नियम लिए गए हैं। इन सबका सीधा असर न केवल यूजर्स पर पड़ेगा, बल्कि व्यापारी और ऐप डेवलपर्स को भी होगा।

1 अगस्त से यूपीआई के 6 नए नियम

NPCI ने 1 अगस्त से यूपीआई ऐप्स पर लागू होने वाले कुल छह नए नियम जारी किए हैं, जिन्हें सभी यूपीआई प्लेटफार्म जैसे गूगल पे, फोन पे, पेटीएम आदि पर पालन करना आवश्यक होगा। ये नियम यूजर्स के दैनिक लेनदेन व्यवहार को नियंत्रित करेंगे ताकि सिस्टम बेहतर तरीके से काम कर सके।

1. बैलेंस चेक की संख्या सीमित

अब से आप किसी भी एक यूपीआई ऐप पर दिन में केवल 50 बार अपने बैंक खाते का बैलेंस ही चेक कर पाएंगे। इससे अधिक जांच करने पर आपको अनुमति नहीं मिलेगी। वहीं, मोबाइल नंबर से लिंक बैंक खातों की जांच की संख्या भी दिन में 25 बार सीमित कर दी गई है। इससे सर्वर पर अनावश्यक भार कम होगा और सिस्टम क्रैश होने की संभावना घटेगी।

2. ऑटोपे ट्रांजैक्शन के समय की नई सीमा

ऑटोपे भुगतान जैसे नेटफ्लिक्स सब्सक्रिप्शन, SIP, EMI आदि का भुगतान अब केवल तय की गई समय सीमा में ही होगा। ये समय स्लॉट सुबह 10 बजे से पहले या दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे के बीच रहेगा। रात के 9:30 बजे के बाद भी ऑटोपे ट्रांजैक्शन संभव होगा। इससे भी सिस्टम लोड संतुलित रहेगा और पेमेंट फेल होने के मामले कम होंगे।

3. फेल ट्रांजैक्शन की स्थिति जांच की सीमा

यदि कोई ट्रांजैक्शन फेल हो जाता है, तो उसका स्टेटस केवल श्री तीन बार ही दिन में देखा जा सकेगा, और हर बार स्टेटस जांच के बीच कम से कम 90 सेकंड का अंतराल होना जरूरी होगा। इससे भी कई बार अनावश्यक स्टेटस चेक करने से पैदा होने वाले दबाव को रोका जाएगा।

4. QR कोड और दूसरे ट्रांजैक्शन पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं

UPI के माध्यम से QR कोड से भुगतान या सीधे पैसे ट्रांसफर करने में कोई नया प्रतिबंध नहीं आया है। ये प्रक्रियाएं अब भी पहले की तरह ही चलते रहेंगे, जिससे पर्सनल और कॉमर्शियल पेमेंट में आसानी बनी रहेगी।

5. रोजाना लेनदेन सीमा में कोई बदलाव नहीं

हालांकि कई नियम बदले हैं, लेकिन रोजाना लाखों रुपये तक यूपीआई ट्रांजैक्शन करने की सीमा वही बनी हुई है। एक आम यूजर दिन में एक लाख रुपये तक ट्रांजैक्शन कर सकता है। शिक्षा या स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित भुगतान हो तो सीमा पांच लाख रुपये तक भी बढ़ जाती है।

6. सभी ऐप्स पर समान नियम लागू

ये सभी नए नियम गूगल पे, फोन पे, पेटीएम सहित देश के सभी प्रमुख यूपीआई ऐप्स पर समान रूप से लागू होंगे। इससे यूपीआई के हर उपयोगकर्ता के लिए समान अनुभव सुनिश्चित होगा, चाहे वह किसी भी ऐप का इस्तेमाल करे।

यूपीआई नियमों के पीछे सरकार और NPCI की सोच

भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया के तहत यूपीआई को देश के सबसे बड़े और भरोसेमंद भुगतान प्लेटफार्म के रूप में विकसित किया है। NPCI इसके संचालन का प्रबंधन करता है। हाल के महीनों में यूपीआई पर भारी ट्रैफिक और सिस्टम की अस्थिरता लगातार परेशानी बनी हुई थी। 2025 की पहली तिमाही में कई बार यूपीआई ऐप्स की सेवा ठप हो गई थी, जिससे लाखों लोगों को भुगतान में दिक्कतें आईं।

इन्हीं समस्याओं से निपटने के लिए NPCI ने यह कदम उठाया है। इससे ट्रांजैक्शन की संख्या को नियंत्रित करके सिस्टम पर दबाव कम होगा, जिससे यूपीआई सेवा ज्यादा भरोसेमंद और तेज़ बन सकेगी। साथ ही, ये नियम उपयोगकर्ताओं के लिए भी जरूरी जानकारी प्रदान करते हैं और उन्हें नियंत्रित व्यवहार अपनाने में मदद करेंगे।

निष्कर्ष

1 अगस्त 2025 से लागू हो रहे यूपीआई के छह नए नियम डिजिटल भुगतान को और अधिक स्थिर तथा सुरक्षित बनाने के लिए बनाए गए हैं। ये नियम यूपीआई ऐप के उपयोग में कुछ सीमाएं तो लगाएंगे, पर इससे सेवा की गुणवत्ता और उपयोगकर्ता का अनुभव बेहतर होगा। NPCI का मकसद यूपीआई को प्रत्येक भारतीय के लिए और भी भरोसेमंद और सुविधाजनक बनाना है ताकि डिजिटल भारत का सपना पूरा हो सके।

Chetna Tiwari

Chetna Tiwari is an experienced writer specializing in government jobs, government schemes, and general education. She holds a Master's degree in Media & Communication and an MBA from a reputed college based in India.

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