मकान या जमीन खरीदी करते वक्त सबसे बड़ा सवाल आता है – फ्री होल्ड और लीज होल्ड प्रॉपर्टी में से किसे खरीदना ज्यादा फायदेमंद है? बहुत से लोग बिना जानकारी के संपत्ति चुन लेते हैं और बाद में कई कानूनी और वित्तीय दिक्कतों का सामना करते हैं। इसलिए, खरीदारी से पहले इन दोनों प्रॉपर्टी की जानकारी जरूरी है ताकि फ्यूचर में परेशानी न हो।
फ्री होल्ड और लीज होल्ड, दोनों प्रकार की प्रॉपर्टी की अपनी–अपनी विशेषताएं, फायदे और कमी होती हैं। भारत के शहरों और कस्बों में अधिकतर मकान और फ्लैट्स या तो फ्री होल्ड होते हैं या लीज होल्ड। समझदारी से फैसला लेने के लिए दोनों में अंतर, उनके लाभ-हानि समझना जरूरी है।
आईए जानते हैं हर पहलू के बारे में – ताकि मकान या जमीन खरीदते समय आपको हर जरूरी जानकारी मिले। इससे आपकी मेहनत की कमाई सही संपत्ति में निवेश होगी और भविष्य सुरक्षित रहेगा।
What Is Freehold Property?
फ्री होल्ड प्रॉपर्टी वह संपत्ति होती है जिसमें मालिक को पूरी तरह से स्वामित्व मिलता है। इसका मतलब है आप मकान, फ्लैट या जमीन के पूरे मालिक होते हैं और उसे कभी भी बेच, ट्रांसफर या किसी के नाम कर सकते हैं। इस पर समय की कोई सीमा नहीं होती और यह संपत्ति पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है।
फ्री होल्ड संपत्ति पर लोन लेना, किसी भी प्रकार का निर्माण करना या किसी कारण से बेचने/विरासत में देने के लिए किसी संस्था या सरकार की अतिरिक्त इजाजत नहीं चाहिए। इसमें कानूनी झंझट कम होते हैं और मालिक को ज्यादा अधिकार होते हैं।
लीज होल्ड प्रॉपर्टी क्या है?
लीज होल्ड प्रॉपर्टी वह संपत्ति है जिसमें आपको सिर्फ एक निश्चित समय के लिए (जैसे 30, 60 या 99 साल) मालिकाना हक या इस्तेमाल का हक मिलता है। इस समय के बाद संपत्ति का नियंत्रण मूल मालिक (सरकार, प्राधिकरण आदि) के पास वापस चला जाता है।
लीज होल्ड प्रॉपर्टी में किसी भी प्रकार का बड़ा निर्माण या संपत्ति बेचने के लिए संबंधित प्राधिकरण या असली मालिक की अनुमति जरूरी होती है। इसमें आम तौर पर कम मूल्य पर प्रॉपर्टी मिल जाती है लेकिन समय सीमित होती है और कई नियमों का पालन करना पड़ता है।
फ्री होल्ड बनाम लीज होल्ड – तुलना
मुख्य अंतर, फायदे और नुकसान को समझना बहुत जरूरी है। नीचे टेबल में स्पष्ट किया गया है:
पैमाना | फ्री होल्ड प्रॉपर्टी | लीज होल्ड प्रॉपर्टी |
---|---|---|
स्वामित्व | पूरा मालिकाना हक, समय सीमा नहीं | निश्चित अवधि, फिर मालिक को वापस |
बेचने/ट्रांसफर | आसान, बिना इजाजत | अनुमति जरूरी, शेष लीज अवधि पर निर्भर |
बैंक लोन | आसान, सभी बैंकों से संभव | कठिन, लीज अवधि लंबी हो तो ही संभव |
निर्माण/संशोधन | आसानी से संभव, नियमों के दायरे में | प्राधिकरण से अनुमति आवश्यक |
कानूनी प्रकिया | कम जटिल, दस्तावेज आसान | जटिल, ज्यादा कागजी काम |
निवेश/मूल्यवृद्धि | अधिक, संपत्ति की कीमत तेजी से बढ़ती है | सीमित, लीज खत्म होने पर मूल्य कम होता है |
रखरखाव की जिम्मेदारी | पूरी तरह मालिक की | कुछ हद तक मालिक, कुछ प्राधिकरण |
कीमत | ज्यादा, लेकिन स्थायी निवेश | कम, पर समय सीमा व अन्य दिक्कतें |
किसे खरीदना फायदेमंद है?
अगर आप लंबी अवधि के लिए मकान या प्लॉट लेना चाहते हैं, परिवार को भविष्य में सुरक्षा देना चाहते हैं और चाहें कि आपकी संपत्ति पर पूरा हक रहे, तो फ्री होल्ड प्रॉपर्टी सबसे अच्छा विकल्प है। इसमें कानूनी सुरक्षा, निवेश की ग्रोथ और संतोष मिलता है।
वहीं, अगर आपका बजट कम है या किसी खास लोकेशन में अस्थायी तौर पर रहना है, तो लीज होल्ड प्रॉपर्टी एक सस्ता और अल्पकालिक विकल्प हो सकता है। ध्यान रखें, ऐसी संपत्ति में भविष्य में लीज बढ़वाने या ट्रांसफर में कठिनाई आ सकती है।
सरकार समय-समय पर कई स्कीम्स लेकर आती है जिनमें लीज होल्ड प्रॉपर्टी को फ्री होल्ड में बदलने का मौका मिलता है – इसका फायदा भी ले सकते हैं। लेकिन इसके लिए अतिरिक्त शुल्क और आवेदन की प्रक्रिया होती है।
खरीदारी से पहले जरूरी बातें
मकान या जमीन खरीदने से पहले ये बातें जरूर जांचें:
- संपत्ति के दस्तावेज/लीज डीड या सेल डीड अच्छे से जांचें।
- लीज की अवधि कितनी बची है, जानें।
- किसी सरकारी बकाया या कानूनी विवाद का रिकॉर्ड देखें।
- बैंक लोन की सुविधा वाले ऑप्शन चुनें।
- संपत्ति पर कोई पुराना लोन या बंधक दर्ज न हो।
छोटा लेकिन अहम निष्कर्ष
फ्री होल्ड प्रॉपर्टी पर आपका जीवनभर पूरा हक रहता है, जिसे आप अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित कर सकते हैं। वहीं, लीज होल्ड प्रॉपर्टी बजट फ्रेंडली ऑप्शन है लेकिन उसकी अपनी सीमाएं और जोखिम हैं। सही चुनाव आपकी जरूरत और भविष्य के हिसाब से करें, पर्याप्त जांच-पड़ताल के बाद ही अपना फैसला लें।