आज के समय में समाज में बेटियों के लिए सोच लगातार बदल रही है। फिर भी, गरीबी और पिछड़ेपन के कारण कई परिवारों में बेटियों को बोझ समझा जाता है। इसी मानसिकता को बदलने और बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं शुरू की जाती हैं। राजस्थान सरकार की “लाडो प्रोत्साहन योजना” ऐसी ही एक पहल है, जो बेटियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए आर्थिक सहयोग प्रदान करती है।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि किसी भी गरीब या आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटी शिक्षा और सामाजिक स्तर पर पीछे न रह जाए। लाडो प्रोत्साहन योजना बेटियों के जन्म से लेकर उनकी पढ़ाई और विवाह तक आर्थिक संरक्षण और सहायता देने का वादा करती है। इस योजना के तहत हर पात्र बेटी को कुल ₹1.50 लाख की राशि अलग-अलग किश्तों में दी जाती है, जिससे उसके पालन-पोषण, शिक्षा और आगे के जीवन को मजबूती मिले।
अब राजस्थान में नए आवेदन शुरू हो चुके हैं। अगर आपके घर में बेटी का जन्म हुआ है और आप जानते हैं कि उसका भविष्य सुरक्षित और उज्ज्वल बनाना है, तो इस योजना के लिए आवेदन अवश्य करें।
Lado Protsahan Yojana
लाडो प्रोत्साहन योजना राजस्थान सरकार की एक महत्वाकांक्षी सामाजिक सुरक्षा और प्रोत्साहन योजना है। इस योजना के तहत प्रदेश की बेटियों को उनके जन्म से 21 वर्ष की उम्र तक कुल ₹1,50,000 सहायता राशि सात किश्तों में दी जाती है। योजना का उद्देश्य बालिका जन्म को सम्मान देना, बेटियों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करना और बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं पर रोक लगाना है।
पहले यह योजना केवल सीमित जातियों के लिए थी, लेकिन अब सभी वर्ग जैसे EWS, SC, ST, OBC तथा सामान्य वर्ग की बेटियां भी इसका लाभ ले सकती हैं। यह राशि सीधे लाभार्थी के या अभिभावक के बैंक खाते में DBT के जरिए भेजी जाती है।
राशि का वितरण – किस्तों का विवरण
हर किश्त के लिए संबंधित कक्षा या योग्यता पूरी करने के प्रमाण पत्र आदि जरूरी होते हैं। मुख्यतः पहली छह किश्तें माता-पिता के खाते में और अंतिम किश्त बेटी के नाम बैंक खाते में आती है।
योजना के लाभ और उद्देश्य
लाडो प्रोत्साहन योजना के तहत बेटियों के जन्म से लेकर युवा होने तक हर महत्वूपर्ण मोड़ पर आर्थिक सहयोग मिलता है। इससे बालिकाओं की शिक्षा, टीकाकरण, स्वास्थ्य, उच्च शिक्षा व सामाजिक स्थिति में सुधार होता है।
इस योजना से बेटी के स्कूल में ठहराव की दर बढ़ेगी, बाल विवाह पर प्रभावी रोक लगेगी, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिलेगा और बालिका मृत्यु दर कम होगी। सरकार का उद्देश्य बेटियों को बराबरी का दर्जा दिलाना और समाज में उनके प्रति सकारात्मक सोच निर्मित करना है।
पात्रता के नियम
- आवेदिका राजस्थान की स्थायी निवासी होनी चाहिए।
- बेटी का जन्म 1 अगस्त 2024 के बाद हुआ हो।
- जन्म सरकारी अस्पताल या मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल में होना चाहिए।
- EWS, SC, ST, OBC और सामान्य वर्ग की बेटियां पात्र हैं।
- बेटी के नाम पर पहली बार ही आवेदन किया जा सकता है।
- परिवार के नाम पर पहले से किसी सरकारी आवास योजना का लाभ नहीं लिया हो।
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
लाडो प्रोत्साहन योजना में आवेदन के समय ये दस्तावेज जरूरी होते हैं:
- बेटी का जन्म प्रमाण पत्र
- माता-पिता का आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र (राशन कार्ड/जन आधार)
- आय प्रमाण पत्र (अगर मांगा जाए)
- बैंक खाता विवरण (मां या बेटी के नाम)
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर
- जाति प्रमाण पत्र (अगर लागू हो)
आवेदन प्रक्रिया (Apply Process)
लाडो प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया काफी सरल है:
चरण | विवरण |
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1 | सरकारी वेबसाइट या SSO ID से लॉगिन करें |
2 | “लाडो प्रोत्साहन योजना” का फॉर्म भरें |
3 | सभी आवश्यक जानकारियां और दस्तावेज अपलोड करें |
4 | फॉर्म की पुष्टि करें और जमा करें |
5 | आवेदन संख्या/रसीद प्रिंट कर लें |
ऑफलाइन आवेदन के लिए नजदीकी पंचायत, आंगनबाड़ी या जिला कलेक्टर/महिला एवं बाल विकास कार्यालय में दस्तावेज जमा करा सकते हैं।
चयन और राशि वितरण
आवेदन और दस्तावेजों की सत्यापन प्रक्रिया राज्य सरकार के पोर्टल पर होती है। पात्र पाए गए लाभार्थियों के बैंक खाते में किश्तों के अनुसार राशि भेजी जाती है।
हर किश्त के लिए स्कूल प्रवेश, टीकाकरण या आयु जांच से संबंधित प्रमाण पत्र और नियमित रिकॉर्ड अपडेट करना जरूरी होता है।
लघु निष्कर्ष
लाडो प्रोत्साहन योजना राजस्थान की बेटियों और उनके अभिभावकों के लिए उम्मीद की किरण है। यह न केवल आर्थिक सहयोग देती है, बल्कि समाज में बेटियों के मान-सम्मान और सशक्तिकरण में भी मदद करती है। हर पात्र परिवार को चाहिए कि वो सही समय पर आवेदन कर अपनी बेटी का सुनहरा भविष्य सुरक्षित करें।