सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन और भत्तों में संशोधन हमेशा बड़ी खबर बनती है। हाल ही में आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर सरकार ने संसद में लिखित रूप से जवाब दिया है, जिससे लाखों कर्मचारियों में उत्सुकता बढ़ गई है। वेतन आयोग का गठन आमतौर पर हर 10 साल में किया जाता है, ताकि कर्मचारियों की महंगाई, जीवन स्तर और बाजार के नए मानकों के मुताबिक वेतन संरचना को उचित बनाया जा सके। 2025 में वेतन आयोग से जुड़े लिखित जवाब और चर्चा के बाद कई तरह की उम्मीदें, संभावनाएं और सवाल उठ रहे हैं।
सरकार के इस अपडेट से करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स को प्रभावित करने वाली संभावित सैलरी बढ़ोतरी, पेंशन रिवीजन और अन्य कर्मचारियों के हितों से जुड़े लाभों का रास्ता साफ हो सकता है। पिछले वेतन आयोग की सिफारिशें 2016 में लागू हुई थीं, जो 2025 के अंत तक अपना कार्यकाल पूरा कर रही हैं। ऐसे में नया वेतन आयोग नए आर्थिक हालात, कर्मचारियों की मौजूदा समस्याओं और बाजार के अनुरूप सिफारिशें देगा।
Government Reply On 8th Pay Commission
2025 में संसद में पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया है कि सरकार ने आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन का फैसला किया है। इसके लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने प्रमुख हितधारकों, जैसे रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और राज्य सरकारों से इनपुट मंगाए हैं। आयोग के अध्यक्ष और सदस्य नियुक्त किए जाएंगे, लेकिन यह प्रक्रिया तभी आगे बढ़ेगी जब सरकार आयोग की आधिकारिक अधिसूचना जारी करेगी।
सरकार ने यह भी कहा कि आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें मिलने और उन्हें स्वीकार करने के बाद ही सैलरी रिवाइज और नए वेतनमान लागू किए जाएंगे। साथ ही, वेतन संरचना में बदलाव और स्थायी भत्तों के अलावा पेंशन से जुड़े लाभों पर भी आयोग सिफारिश देगा।
वेतन आयोग से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु
आठवां वेतन आयोग उम्मीद की जा रही है कि 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकता है। लिखित उत्तरों के मुताबिक, आयोग की सिफारिशें तैयार होते ही सरकार उन्हें लागू करने की प्रक्रिया शुरू करेगी।
- 8th Pay Commission का गठन केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के वेतन, भत्तों और पेंशन संरचना में बदलावों के लिए किया जाता है।
- सरकार के लिखित उत्तर के अनुसार, वेतन आयोग की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ की जा रही है और सभी जुड़े पक्षों से राय ली गई है।
- वेतन आयोग के तहत फिक्स फिटमेंट फैक्टर और डीए (महंगाई भत्ता) को रीसेट करने का प्रस्ताव है, जिससे बेसिक सैलरी में सीधा असर दिख सकता है।
- कम से कम वेतन में 30-34% की बढ़ोतरी के आसार हैं और शुरुआती वेतन 18,000 से बढ़कर 41,000 रुपए तक जा सकता है।
- आयोग की सिफारिशें लागू होने पर लगभग 50 लाख कर्मचारी और 65 लाख पेंशनर्स को लाभ मिलेगा.
संभावित बदलाव: नया बनाम पुराना वेतन
बिंदु | 7th Pay (2016-2025) | 8th Pay Commission (2026 से) |
---|---|---|
न्यूनतम वेतन | ₹18,000 | ₹41,000 (अनुमानित) |
फिटमेंट फैक्टर | 2.57 | 1.83-2.46 (प्रस्तावित) |
डीए (DA) प्रारंभिक | 0% (नई संरचना लागू पर) | 0% (नए पे के साथ रीसेट) |
लाभार्थी | 48.6 लाख कर्मचारी | 50 लाख कर्मचारी/65 लाख पेंशनर्स |
लागू होने की संभावना तिथि | 2016 | 1 जनवरी 2026 (संभावित) |
किस-किस को मिलेगा सीधा लाभ?
8वें वेतन आयोग के दायरे में केंद्र सरकार के सभी कर्मचारी, रक्षा बल व अर्द्ध-सैनिक बल, रेलवे, डाक विभाग, शासन और सभी संबंधित पेंशनर्स आएंगे। आयोग सभी सेवाओं, ग्रुप A, B, C और D तक वेतन संरचना को देख सकता है। साथ ही पेंशन रिवीजन और भत्तों में सुधार भी इसी के तहत होगा।
आयोग में उठाए जाने वाले खास मुद्दे
वेतन आयोग से जुड़े कर्मचारी संगठनों और नेशनल काउंसिल (JCM) ने सरकार को नए वेतन, प्रमोशन, पेंशन रिवीजन, भत्तों के संशोधन, और अन्य कर्मचारी मुद्दों को शामिल करने के सुझाव दिए हैं। फिटमेंट फैक्टर, डीए का कैलकुलेशन, न्यूनतम वेतन, प्रमोशन पॉलिसी, और पेंशन स्कीम में समय-समय पर सुधार, सभी नवीनतम आर्थिक और सामाजिक स्थिति के अनुरूप होंगे।
संक्षिप्त जानकारी
सरकार ने आठवां वेतन आयोग गठित करने का फैसला संसद में लिखित जवाब के जरिए स्पष्ट किया है। सभी मंत्रालयों व राज्य सरकारों की राय ली जा रही है। आयोग की सिफारिशें मिलने व स्वीकार होने के बाद ही नए वेतनमान लागू होंगे और इससे लाखों कर्मचारियों को फायदा पहुंचेगा।